कमीशन के खेल में दवा और इलाज दोनों महंगा

बैरिया, बलिया : दवा बिक्री मे कमीशन के खेल में दवा व इलाज दोनों महंगा हो गया है। बीमारी सामान्य हो या जटिल इलाज से पहले जांच पर जांच कराई जा रही है।वायरल बुखार व सर्दी जुकाम होने पर भी कतिपय चिकित्सक दवा लिखने से पहले मरीजो के पर्चे पर खून सहित विभिन्न प्रकार के जांच लिख रहे हैं। इसमे सामान्य तौर पर पांच सौ रुपये से एक हजार रुपये तक खर्च हो जा रहे हैं। उसके बाद पर्चे पर दवाई लिखी जा रही है उसमें भी अधिकांश बाहर के यह स्थिति सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सोनबरसा सहित क्षेत्र के अधिकांश सरकारी अस्पतालों की है। जहां इलाज से पहले जांच कराने की चलन बढ़ गई हैं। इसमे मौसमी बीमारियों से पीड़ित सामान्य मरीजों को भी जांच कराना पड़ रहा है यानी कि मरीजों से पैसा हड़पने का खुल्लमखुल्ला खेल चल रहा है, जो बीमारी कुछ रुपये खर्च से ठीक हो जाती उसके लिए चिकित्सक भारी भरकम पैसे खर्च करा दे रहे है। क्षेत्र में पैथलॉजी सेंटरों की भरमार है, इसमे अधिकांश पैथलॉजी सेंटर बिना पंजीकरण चल रहे है।
इसमें पैथलॉजी संचालकों व डॉक्टरों की मिलीभगत से मरीजों का शोषण हो रहा हैं। धतुरी टोला के अर्जुन सिंह, इब्राहिमाबाद निवासी विनय सिंह, कर्ण छपरा निवासी राजकुमार गुप्ता आदि ने बताया कि वह शनिवार को सर्दी बुखार की दवा लेने के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सोनबरसा में आये थे जहाँ ना चाहते हुए भी बाहर के पैथलॉजी सेंटर पर जाकर खून की जांच करानी पड़ी। जांच में कुछ नही निकला पैसे खर्च हो गए। बताया जाता है कि पैथलॉजी सेंटर के संचालक जांच के केवज में अपने आमदनी का 60 प्रतिशत तक धनराशि चिकित्सकों को देते हैं। इस संदर्भ में स्थानीय लोगों इस तरह की घटनाओं की जांच की मांग की है, ताकि शासन के मंसा के अनुरूप गरीबों का इलाज हो सके।
शिवदयाल पांडेय मनन
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