शिक्षक ही गढ़ते है बच्चो का प्ररम्भिक ज्ञान : अमर सिंह

वाराणसी : पूरी दुनिया एक ही तरह चुनौती का अनुभव कर रही है जो कि असाधारण है। यह हम सब शिक्षको की जिम्मेदारी है कि हम ऐसे बच्चों को तैयार करे जो सस्टेनेबिलिटी की समस्या को समझे तथा इसका समाधान निकाले। उक्त बातें महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के कुलपति प्रो एके त्यागी ने एम्पावरिंग एजुकेटर्स इन द ग्लोबल साउथ विषय पर आठ दिवसीय कार्यक्रम के समापन सत्र में रविवार को कही। उक्त कार्यक्रम का आयोजन अंतर विश्वविद्यालय अध्यापक शिक्षा केंद्र परिसर बीएचयू में आयोजित हुआ। इस दौरान अमर सिंह ने कहा विदेश मंत्रालय ऐसे कार्यक्रम 1964 से कर रहा है। शिक्षकों की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि शिक्षक ही बच्चो के प्ररम्भिक ज्ञान को गढ़ते है। प्रो. प्रेम नारायण सिंह ने कहा कि जब आप यहाँ से अपने देश वापस जायेगे तब आप एक बहुत अच्छे अनुभव और कई नये मित्रों के साथ यहाँ से जायेगे।
यह कार्यक्रम यूनेस्को एमजीआईईपी नई दिल्ली और भारत सरकार के विदेश मंत्रालय के भारतीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग कार्यक्रम नई दिल्ली के सहयोग से सम्पन्न हुआ। समापन सत्र का शुभारम्भ मंगलाचरण व मां सरस्वती तथा महामना पं. मदन मोहन मालवीय की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर एवं दीप प्रज्ज्वलन कर किया गया। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अमर सिंह अंडर सेक्रेक्टरी विदेश मंत्रालय नई दिल्ली रहे। विशिष्ट अतिथि प्रो. एके. त्यागी तथा उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता निदेशक आईयूसीटीई बीएचयू प्रो. प्रेम नारायण सिंह
ने की। इस अवसर पर यूनेस्को एमजीआईईपी नई दिल्ली के निदेशक डॉ. ओबिजियोफोर अगिनम (ऑनलाइन) तथा प्रो. आशीष श्रीवास्तव, डीन (शैक्षणिक एवं अनुसंधान) उपस्थित रहे। सत्र के वक्ताओं अन्या चक्रवर्ती, भाव्या, श्रेया तिवारी और रेणुका रौतेला का सम्मान किया गया। प्रो. आशीष श्रीवास्तव ने अतिथियों का स्वागत किया। प्रतिभागियों ने भी अपने अनुभव को साझा किया। इसके बाद मुख अतिथि तथा विशिष्ट अतिथि ने सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र प्रदान किया।
कार्यक्रम में बांग्लादेश, भूटान, कैमरून, इथियोपिया, इंडोनेशिया, कजाकिस्तान, केन्या, मलेशिया, मॉरीशस, मोज़ाम्बिक, नेपाल, श्रीलंका, दक्षिण अफ्रीका, सेशेल्स, तंजानिया, थाईलैंड, ट्यूनिशिया, उज्बेकिस्तान और युगांडा सहित 19 देशों के 60 शिक्षकों ने प्रतिभाग किया। यह कार्यक्रम प्रो. आशीष श्रीवास्तव निदेशक आईयूसीटीई व राष्ट्रीय परियोजना अधिकारी यूनेस्को एमजीआईईपी नई दिल्ली अर्चना चौधरी के निर्देशन में सम्पन्न हुआ। डॉ. कुशाग्री सिंह ने कार्यक्रम का संचालन व डॉ. सुनील कुमार त्रिपाठी ने मंगलाचरण किया। कार्यक्रम के अंत में डॉ. राजा पाठक ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया। इस दौरान डॉ. विनोद सिंह, डॉ. ज्ञानेंद्र सिंह, डॉ. अनिल कुमार आदि उपस्थित रहे।
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